वरिष्ट पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कुछ सुराग़ पुलिस के हाथ लग गए हैं. सूत्रों के मुताबिक़ सनातन संस्था से जुड़े पांच लोगों पर पुलिस को गहरा शक है. फ़िलहाल ये सभी फ़रार हैं. इनके नाम प्रवीण लिमकर, जयप्रकाश अलियास अन्ना, सारंग अकोलकर, रूद्र पाटिल और विनय पवार हैं.
इसमें से चार ऐसे हैं जिन पर इंटरपोल रेड कार्नर का नोटिस भी है. इनके ऊपर 2009 में गोवा के मडगांव में धमाका कराने का इलज़ाम है.
दक्षिण पंथी संघठन सनातन संस्था से जुड़े इनमें से रूद्र पाटिल, सारंग अकोलकर और विनय पवार का नाम रेशनलिस्ट नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में भी सामने आया था. सीबीआई जांच में उस वक़्त इनके नाम सामने आये थे.
प्रवीण लिमकर, अन्ना, सारंग अकोलकर, और रूद्र पाटिल का नाम 19 अक्टूबर को मडगांव में हुए बम ब्लास्ट में भी सामने आता था जिनमें दो सनातन संस्था से जुड़े लोग मारे गए थे. ये दिवाली में धमाका करने की योजना बना रहे थे लेकिन IED को लाने-ले जाने में ही ब्लास्ट हो गया. NIA ने इन चार लोगों को आरोपी बनाया था और इंटरपोल ने इनके ख़िलाफ़ रेड कार्नर नोटिस जारी किया था.
गौरी लंकेश का 5 सितम्बर को उनके घर के बाहर मर्डर हो गया था. लंकेश की हत्या के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हुए. लोगों ने इसे दक्षिणपंथी गुटों की साज़िश बताया और कहा कि ये हर रैशनल आवाज़ को दबाने की कोशिश है. मामले ने उस वक़्त और तूल पकड़ लिया जब सोशल मीडिया पर दक्षिण पंथी विचारधारा के लोगों ने गौरी लंकेश की हत्या पर ख़ुशी ज़ाहिर की. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी निंदा हुई. असल में मोदी अपने ट्विटर अकाउंट से एक ऐसे बन्दे को भी फॉलो कर रहे थे जिसने लंकेश की हत्या होने के बाद लंकेश को अभद्र गालियाँ दीं.