शिमला: बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ वीरभद्र सरकार पर राज्य के युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। अनुराग ने सीएम वीरभद्र सिंह पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने अपने फायदे के लिए हमेशा जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। पांच सालों से युवाओं की मांग के बावजूद इस मोर्चे पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
साल 2012 के चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद प्रदेश में 10+2 पास युवाओं के लिए एक हजार और स्नातक के बेरोज़गार युवाओं के लिए 1500 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से दिए जाएंगे। लेकिन चार सालों में वे अपने वादों में खरे उतर पाने में असफल रहे हैं। जमीनी स्तर पर सीएम वीरभद्र सिंह ने इस समस्या पर कोई काम नहीं किया है और प्रदेश के युवा इस बात का गवाह है।
अनुराग का कहना है कि राज्य में जब विधानसभा चुनाव की घोषणा का वक़्त नजदीक आया तो सीएम वीरभद्र ने एक और कार्ड खेला। वे भली-भाँती जानते हैं कि प्रदेश के नौ लाख बेरोजगार युवकों को किए गए झूठे वादे चुनाव के दौरान उनके लिए एक चुनौती बन सकते हैं। इसलिए अब आनन-फानन उन्होंने 16149 युवाओं के लिए, जो कुल बेरोजगार युवकों का केवल 1.79 प्रतिशत है, उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने का दावा किया।
दरअसल सीएम वीरभद्र सिंह ने कल एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने दावा किया कि वे पढ़े-लिखे 16149 बेरोजगार हिमाचली युवाओं को 2017-18 के लिए 150 करोड़ 31 सितंबर तक बेरोजगारी भत्ता देंगे लेकिन इस ट्वीट पर उनकी काफी फजीहत हो गई। इसके लिए कहा गया है कि जिस तरह सितंबर महीने में 31 तारीख नहीं आती उसी तरह उनका दावा भी बेबुनियाद है। खुद को चौतरफा घिरते देख उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर इस पूरे मुद्दे पर चुप्पी साध ली है।
इससे पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि एच.पी.सी.ए. मामले को दबाने के लिए बेरोजगारी भत्ते को तूल देना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से दिया जा रहा कौशल विकास भत्ता ही बेरोजगारी भत्ते का रूप है, जिस पर भाजपा जनता को गुमराह करना चाहती है। उन्होंने कहा कि एच.पी.सी.ए. में जो कुछ हुआ है, विपक्ष उस पर पर्दा डालना चाहता है।