एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार बरखा दत्त ने चैनल के बारे में बड़ा खुलासा करते हुए अतीत में खबरों को दबाने के गंभीर आरोप लगाए है।
इस सन्दर्भ में बरखा ने एक अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने बताया है कि एनडीटीवी ने कई बार उनकी रिपोर्ट्स को दबाया है और चैनल के मालिक प्रणय रॉय खबरों को रुकवा दिया करते थे। बल्कि प्रबंधन के इस फैसले का विरोध किए जाने पर रिपोर्टिंग तक रोक दी जाती थी। उन्होंने अपनी कुछ रिपोर्ट्स के लिए चैनल का विरोध तक करना पड़ा था।
दरअसल एनडीटीवी के मैनेजिंग एटिडटर श्रीनिवासन जैन ने कुछ दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी को दिए गए लोन पर एक स्टोरी की थी। इस स्टोरी को चैनल से हटा दिया गया। जिसके बाद श्रीनिवासन ने एक एक पोस्ट लिखकर बताया कि चैनल ने उनसे कहा है कि कानूनी वजह से स्टोरी को हटाना पड़ेगा। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि रिपोर्ट पूरी तरह सार्वजनिक रूप से मौजूद तथ्यों पर आधारित है।
बरखा दत्त ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा है कि देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का लिया गया उनका इंटरव्यू चैनल ने चलाने से इंकार कर दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा पर की गई उनकी रिपोर्ट के लिए भी उन्हें एनडीटीवी में काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। श्रीनिवासन पर भी निशाना साधते हुए बरखा ने कहा है कि जब चैनल में रहते हुए उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो काफी लोग चुप थे, लेकिन आज वही लोग आवाज़ उठा रहे हैं।
मैं स्टोरी के बारे में यहाँ बात नहीं करूँगी और न ही मैं इसके सही या गलत होने पर कुछ कहूँगी लेकिन ये जरूर है कि एनडीटीवी में किसी स्टोरी की हत्या कर देना शायद ही नई बात है। बरखा ने लिखा है कि एनडीटीवी में आज जो पत्रकार अभिव्यक्ति की आजादी के पैरोकार बने हुए हैं, वे अच्छे से जानते हैं कि चैनल पर उनकी कांग्रेस और बीजेपी से जुडी कई स्टोरियों को चलने नहीं दिया गया या उन्हें हटा दिया गया। ये सारे लोग तब मैनेजमेंट के फैसले का बचाव कर रहे थे। लेकिन मैं मैनेजमेंट से लड़ी थी, जिसके लिए मैंने सजा भी पाई थी।
बरखा दत्त ने लिखा है, “और निश्चय ही एनडीटीवी को न तो मैं पीड़ित समझती हूँ और न ही मसीहा। सच ये है कि ये फर्जी उदारवाद है।”