नई दिल्ली: वरिष्ट कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख़ों की घोषणा ना किये जाने पर चुनाव आयोग की आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट करके ये कहा कि एक बार गुजरात सरकार सारी छूट और तोहफ़ों की घोषणा कर दे उसके बाद चुनाव आयोग को उसकी लम्बी छुट्टी से बुला लिया जाएगा.
क़द्दावर नेता ने इसके बाद एक और ट्वीट में कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री को अधिकृत किया है कि वो अपनी आख़िरी रैली में गुजरात चुनाव की तारीख़ का एलान कर दें (और कृपया करके चुनाव आयोग को सूचना दें).
चिदंबरम के इस ट्वीट के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चिदंबरम और पूरी कांग्रेस आने वाले गुजरात चुनावों से डर गयी है.
क्या है मामला?
असल में चुनाव आयोग ने हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस कर के हिमाचल प्रदेश के चुनाव की घोषणा कर दी जबकि लोग ये उम्मीद कर रहे थे कि गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा भी साथ ही हो जायेगी. ऐसा ना होने पर चुनाव आयोग की विपक्ष ने आलोचना की है और साथ ही उसके सत्ताधारी भाजपा से मिले होने की ओर भी इशारा किया है. हालाँकि चुनाव आयोग ने इसको लेकर यही तर्क दिया था कि गुजरात में चुनाव दिसम्बर में होने हैं इसलिए अगर पहले आचार संहिता लग जाती है तो विकास कार्यों पर असर पड़ सकता है.कई राजनीतिक दलों ने इस बात को लेकर ऐतराज़ किया है. आयोग के ऊपर बार-बार ये आरोप लग रहे हैं कि गुजरात चुनाव की घोषणा इसलिए नहीं की गयी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी रैली में तोहफ़ों का एलान कर सकें.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 9 नवम्बर को होने हैं. आयोग ने बताया है कि दोनों राज्यों में मतगणना एक साथ 18 दिसम्बर को होगी.