लखनऊ: उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा श्वेत पत्र जारी किये जाने के बाद विपक्षी नेताओं ने इस पर तीख़ी प्रतिक्रिया दी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा के लोग थानों से अपराधियों को छुड़ा कर ले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि क़ानून व्यवस्था के मामले में ये सरकार पिछली सरकार से भी ख़राब है.
कांग्रेस के सत्यदेव त्रिपाठी ने इस बारे में बयान देते हुए कहा कि पिछले 6 महीने में भाजपा सरकार नौजवानों को रोज़गार देने में नाकाम साबित हुई है. उन्होंने कहा कि ख़राब क़ानून व्यवस्था को क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी उपलब्धि मानते हैं?
इसके पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भाजपा सरकार के श्वेत पत्र पर तीख़ी टिपण्णी की. उन्होंने कहा है कि श्वेत पत्र जारी कर राज्य सरकार अपनी नाकामी छुपाना चाहती है. उन्होंने ट्विटर के ज़रिये एक फ़ोटो भी साझा की जिसमें एक किसान के ऋण माफ़ी का काग़ज़ है. जो डॉक्यूमेंट अखिलेश ने लगाया है उसके मुताबिक़ चिड्डी नामक किसान का जो मथुरा ज़िले की गोवर्धन तहसील का रहने वाला है का सिर्फ़ 0.01 रूपये क़र्ज़ माफ़ किया गया है.
इसके साथ अखिलेश ने लिखा है-“भूल चुके जो अपना ‘संकल्प पत्र’, ‘श्वेत पत्र’ उनका बहाना है!”
गौरतलब है कि कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपनी सरकार का श्वेत पत्र जारी किया है जिसमें पिछली सरकार के कामकाज की आलोचना की गयी है.जानकारों के मुताबिक़ ये “श्वेत पत्र” आने वाले निकाय चुनाव के मद्देनज़र जारी किया गया है. विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा सरकार को डर है कि निकाय चुनाव में उसकी हार हो सकती है और इस वजह से वो हर तरह से तैयारी में लगी है.