जर्मनी में काम कर रही भारतीय मूल की कंप्यूटर इंजीनियर कीर्ति जयदेवन चर्चा का विषय बनीं हुई है.कीर्ति उन गरीब बच्चों की मदद कर रही हैं, जिनके माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च नहीं उठा पाते हैं.कीर्ति का ट्विटर पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है,जिसमें उन्होंने गरीब बच्चों की पढ़ाई में मदद करने की बात कही थी.
कीर्ति ने बताया कि उनके माता-पिता बेहद गरीब थे.चार सदस्यों के परिवार के लिए दोनों की सैलरी मिलकर हर महीने सिर्फ 14 हजार रुपये ही जुड़ पाते थे.ऐसे में पढ़ाई के खर्च के लिए उन्हें दूसरों की दया पर ही निर्भर रहना पड़ता था.
पढ़ाई के दौरान किसी अजनबी ने उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाया था. जिसकी वजह से वो कंप्यूटर इंजीनियर बन सकीं.अब वो इसका कर्ज उन छात्रों का मदद करके उतारना चाहती हैं, जिनके माता-पिता आर्थिक रूप से कमजोर हैं और वो अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च नहीं उठा सकते हैं.
इसके लिए कीर्ति ने केरल के त्रिशूर में स्थित विद्या एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (VICT) में बच्चों की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति कोष में योगदान दे रही हैं.VICT आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति देती है.इसकी मदद से छात्रों को अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलती है.
कीर्ति जयदेवन की पोस्ट को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर 20,000 से अधिक ‘लाइक’ और सैकड़ों सराहनीय टिप्पणियां मिली हैं. इस साल जुलाई में “ड्रीम प्रोजेक्ट” की घोषणा करते हुए लिखा था, “शिक्षा के माध्यम से लोगों के जीवन में सुधार करना एक ऐसी चीज है जिसकी हम परवाह करते हैं.
कीर्ति जयदेवन जर्मनी के बर्लिन में कंप्यूटर इंजीनियर प्रबंधक के तौर पर काम करती हैं. उन्होंने गरीब योग्य छात्रों के लैपटॉप देने की की घोषना की थी. कीर्ति के इस कदम की बदौलत कई छात्रों को मदद मिल रही है. उनके इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है.