मुंबई: गोवा में 48वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) से मलयाली फिल्म ‘एस दुर्गा’ और मराठी फिल्म ‘न्यूड’ को हटा दिया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 13 सदस्यीय जूरी को बिना बताए इन फिल्मों को हटा दिया है। IFFI के इंडियन पैनोरमा की जूरी के प्रमुख सुजॉय घोष ने फिल्म ‘एस दुर्गा’ और ‘न्यूड’ को महोत्सव से बाहर करने के फैसले के बाद पद से इस्तीफा दिया है।
खबर के मुताबिक, सुजॉय घोष के नेतृत्व में 13 सदस्यीय जूरी ने अपनी सूची में दोनों फिल्मों को शामिल किया था, लेकिन सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इन्हे लिस्ट से हटा दिया है। जूरी के सदस्यों ने इस बात पर ऐतराज जताया कि मंत्रालय ने बिना उन्हें बताए इस सूची में बदलाव कर दिया। जूरी में शामिल निशिकांत कामत, निखिल आडवाणी, अपूर्व असरानी, रुचि नारायण और ज्ञान कोरिआ ने मंत्रालय के इस कदम पर असंतोष व्यक्त किया है।
जबकि इस मामले पर अभी तक मंत्रालय की और से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। जूरी के एक सदस्य ने मंत्रालय के फैसले पर कहा, ‘जूरी के सुझाव अंतिम होते हैं और उनके साथ विचार-विमर्श के बगैर इन्हें बदला नहीं जा सकता। आपको बता दें की ‘एस दुर्गा’ को पहले ‘सेक्सी दुर्गा’ के नाम से थियेटरों में रिलीज किया जाना था।
यह एक मलयालम फिल्म है। इसके निर्देशक सनल कुमार ससिधरन है। वहीं, ‘न्यूड’ एक मराठी फिल्म है जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रवि जाधव ने निर्देशित किया है। ये फेस्टिवल 20-28 नवंबर तक गोवा में आयोजित होने जा रहा है।
‘एस दुर्गा’ फिल्म को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। जब इसे लेकर मुंबई में एक फिल्म महोत्सव में इसके प्रदर्शन पर सेंसर बोर्ड ने रोक लगा दी थी। क्योंकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना था की इस फिल्म के कारण लोगों की ‘धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं और कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।
इस मामले में ससिधरन ने मंगलवार को फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें लिखा है, “जब फासीवादी ताकतें हमारी ओर बढ़ रही हैं, ऐसे समय में हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठे रह सकते…जूरी प्रमुख सुजॉय घोष का इस्तीफा साहसपूर्ण कदम है. मैंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के इस अंसवैधानिक फैसले के खिलाफ केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है.”