न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र की 72वीं जनरल असेंबली में फ़्रांसिसी राष्ट्रपति इम्मानुएल मक्रों ने कहा कि अगर ईरान से नुक्लेअर डील तोड़ी जाती है तो ये बड़ी ग़लती होगी.
फ़्रांसिसी राष्ट्रपति ने म्यांमार में हो रहे नस्ली नरसंहार की निंदा की.
मक्रों ने यूनीलेटरलिज़्म की निंदा करते हुए कहा कि मल्टी-लेटरलिज़्म ही सही है.उन्होंने कहा कि पेरिस क्लाइमेट डील पर विचार करने का सवाल ही नहीं है.
इसके पहले संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान से हुई संयुक्त राज्य अमरीका की नुक्लेअर डील को बहुत ख़राब डील बताया.
इसी मुद्दे पर जनरल असेंबली शुरू होने से पहले ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर अमरीका नुक्लेअर डील तोड़ता है तो ये ईरान के लिए फ़ायदे की बात होगी और पूरी दुनिया देखेगी कि अमरीका पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
जनरल असेंबली में अन्य नेताओं के बयान
ताजीकिस्तान के राष्ट्रपति एम्मोमोली रह्मून ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट की बात को तरजीह दी. उन्होंने इस्लाम के नाम पर आतंकवाद फैलाने वाले संघठनों को निशाना बनाते हुए कहा कि ये वो लोग हैं जो इस्लाम की टीचिंग्स पर नहीं हैं. उन्होंने ताजीकिस्तान के पडोसी देश अफ़ग़ानिस्तान में हो रही हिंसा का ज़िक्र भी किया. उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में शांति की स्थापना के लिए वर्ल्ड कम्युनिटी को आगे आना चाहिए. कोलंबिया के राष्ट्रपति जूँ मनुएल संतोस काल्देरों ने नार्थ कोरिया के लगातार किये जा रहे परीक्षण और बैलिस्टिक मिसाइल दागने की निंदा की.
जनरल असेंबली में जिन नेताओं के भाषण पर सबसे अधिक निगाह है उसमें बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यिप एरदोअन शामिल हैं. इसकी बड़ी वजह इन लोगों का रोहिंग्या मुद्दे पर बड़े बयान दिए जाने की उम्मीद को माना जा रहा है.