शिमला: हिमाचल प्रदेश चुनाव से पहले ऐसा लगता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. यही वजह है कि भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल इस बार हमीरपुर विधानसभा सीट से न लड़कर सुजनपुर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं.
हालाँकि हमीरपुर धूमल की पारंपरिक सीट है लेकिन इस बार वहाँ से उनका जीतना मुश्किल माना जा रहा था.
धूमल ही नहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी अपनी सीट में बदलाव किया है. जहां पहले ये ख़बर थी कि वो ठियोग से चुनाव लड़ेंगे, अब पार्टी ने घोषणा की है कि वो अर्की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे.
अगले महीने होने वाले चुनाव को लेकर जिस प्रकार से दोनों पार्टियां असमंजस में नज़र आ रही हैं उससे ऐसा लगता है कि मुक़ाबला इस बार कांटे का होने वाला है. जानकारों के मुताबिक़ वीरभद्र सिंह की सरकार के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की बयार नहीं चल रही है जबकि केंद्र की मोदी सरकार से लोग ज़रूर नाराज़ नज़र आ रहे हैं. भ्रष्टाचार को लेकर वीरभद्र सिंह को घेरने की कोशिश तो भाजपा ने की थी लेकिन सुखराम के भाजपा में चले जाने से अब भाजपा भी भ्रष्टाचार का मामला उठाने से बच रही है.दूसरी और भाजपा के लिए नोटबंदी और GST की वजह से उपजी नाराज़गी परेशानी का सबब बनी हुई है.
हिमाचल प्रदेश में 9 नवम्बर को चुनाव होने हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 36 सीटें जीतकर सरकार बनायी थी जबकि भाजपा को 26 सीटों में कामयाबी मिली थी.राज्य में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं.