लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हुईं हिंसक घटनाओं पर चिंता जतायी है. उन्होंने दशहरा और मुहर्रम के बीच हुए तनाव पर राज्य सरकार को घेरा है.
बसपा नेता राजेश यादव की हत्या की निंदा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जातिवादी और धार्मिक हिंसा के बाद राज्य में राजनीतिक हत्याओं का एक ट्रेंड शुरू हो गया है जिसकी वजह से बसपा के इलाहबाद कार्यकर्ता राजेश यादव की हत्या हुई है. उन्होंने कहा कि यादव की हत्या राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवालिया निशाँ खड़ा करती है.
मायावती ने बताया कि बसपा के उत्तर प्रदेश चीफ़ राम अचल राजभार, वरिष्ट नेता लालजी वर्मा और अम्बिका चौधरी मृतक राजेश यादव के परिवार से मिलने भदोही जायेंगे.
राजेश यादव की इलाहबाद यूनिवर्सिटी के बाहर हत्या हो गयी थी.इस मामले में पुलिस ने यादव के दोस्त मुकुल सिंह के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की है.
यादव की हत्या के अलावा दशहरा और मुहर्रम पर कई ज़िलों में हुई हिंसा पर भी मायावती ने आदित्यनाथ की सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा दशहरा और मुहर्रम पर हुईं हिंसा की वारदातें ये साबित करती हैं कि योगी आदित्यनाथ सरकार फ़ेल है.
गौरतलब है कि मुहर्रम और दशहरा में कानपुर समेत कई शहरों में हिंसा हुई है. बिगड़ी क़ानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आलोचना के घेरे में रही है.कुछ लोगों का कहना है कि जब से प्रदेश में आदित्यनाथ की सरकार आयी है तब से हिंसा, चोरी, बलात्कार की घटनाओं की संख्या बढ़ गयी है.