नई दिल्ली: गुजरात चुनाव की घोषणा में चुनाव आयोग द्वारा की गयी कथित देरी पर जहां अभी तक सिर्फ़ विपक्षी दल ही आयोग की आलोचना कर रहे थे, अब भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नेताओं ने भी इसको लेकर विरोध जताया है. जनता दल(यूनाइटेड) के नेता पवन वर्मा ने इसको लेकर एक बार फिर बयान दिया है.
इस बयान में उन्होंने कहा है कि उनके मुताबिक़ गुजरात चुनाव को लेकर तारीख़ों की घोषणा हिमाचल प्रदेश चुनाव के साथ ही हो जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जो कारण चुनाव आयोग ने इसको लेकर दिए हैं वो मज़बूत नहीं हैं.
हालाँकि वो पहले भी इस मामले में आयोग को घेर चुके हैं. उन्होंने इसके पहले एक ट्वीट करके कहा था कि चुनाव आयोग को impartial नहीं होना चाहिए. उन्होंने साथ ही ये सवाल भी किया था कि क्यूँ नहीं गुजरात चुनाव की तारीख़ों की घोषणा नहीं हुई? हमें इस पर जवाब चाहिए.
आयोग ने 12 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी थी लेकिन गुजरात चुनाव को लेकर आयोग ने तारीख़ों की घोषणा नहीं की. अपने इस फ़ैसले को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसा आयोग ने भाजपा के दबाव में किया है ताकि भाजपा सरकार चुनाव से पहले लोकलुभावन घोषणायें कर सके. हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 9 नवम्बर को होंगे. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आज आयोग गुजरात चुनाव की घोषणा करेगा. अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि राज्य की 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में होंगे.