कोरियाई पेनिन्सुला पर इस वक़्त ऐसी स्थिति है कि दुनिया भर के देश डरे हुए हैं कि कहीं कोई बड़ा युद्ध ना हो जाए. नार्थ कोरिया के विदेश मंत्री द्वारा ये कहना कि संयुक्त राज्य अमरीका ने युद्ध की घोषणा कर दी है अपने आप में डरावना रहा. हालाँकि अमरीका ने आनन् फानन में बयान देकर उस बात का खंडन किया.
इसको लेकर यूनिवर्सिटी ऑफ़ विकटो(न्यूज़ीलैंड) में प्रोफेसर एलेग्जेंडर गिल्लेस्पी ने अल जज़ीरा में छपे एक लेख में बताया है कि तीन ऐसी संभावनाएँ हो सकती हैं जिसके ज़रिये युद्ध शुरू हो सकता है.
पहली संभावना में वो कहते हैं कि नार्थ कोरिया अगर संयुक्त राज्य अमरीका पर युद्ध की घोषणा कर देगा तो युद्ध शुरू हो जाएगा. उन्होंने अपने इस बिंदु में कहा है कि बीसवीं शताब्दी में जब हिटलर के नाज़ी जर्मनी ने सोवियत रूस पर आक्रमण किया तो हिटलर ने युद्ध की घोषणा नहीं की थी और साथ ही जब जापान ने पर्लहार्बर पर आक्रमण किया तो जापान ने भी संयुक्त राज्य अमरीका के ख़िलाफ़ कोई घोषणा नहीं की थी. गिल्लेस्पी कहते हैं कि इस बिन बताये हमला किये जाने से जापान और जर्मनी को शुरूआती लाभ मिले थे. हालाँकि वो ये भी कहते हैं कि नार्थ कोरिया पिछले सालों में कई बार युद्ध की घोषणा कर भी चुका है लेकिन वो सिर्फ़ घोषणा ही रह गया.
दूसरी संभावना के बतौर वो कहते हैं कि ऐसा हो सकता है कि नार्थ कोरिया नुक्लेअर डिवाइस चला दे. गिल्लेस्पी के मुताबिक़ अगर नार्थ कोरिया अपने समंदरी एरिया में भी ऐसा कुछ कर देता है तो उससे प्रदूषण होगा और ये अन्तराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन हो सकता है लेकिन ऐसे क़ानून में नार्थ कोरिया ने हस्ताक्षर नहीं किया है इसलिए नियम उस पर नहीं लगेगा.
तीसरा जो एक ऐसा मौक़ा हो सकता है कि युद्ध शुरू हो जाए, उसके बारे में गिल्लेस्पी कहते हैं कि अगर नार्थ कोरिया अन्तर्राष्ट्रीय एयरस्पेस में कोई एयरक्राफ्ट मार गिरा दे.
जानकारों के मुताबिक़ संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तरी कोरिया में वर्कर्स पार्टी ऑफ़ कोरिया के चेयरमैन किम जोंग अन में जिस प्रकार की तल्ख़ भाषा का इस्तेमाल हुआ है उससे युद्ध का ख़तरा बना हुआ है.हालाँकि रूस, चीन, फ़्रांस जैसे देश शांति और बातचीत की बात कर रहे हैं.