शिलोंग: एक ओर जहां भाजपा के कई नेता पूरे देश में गौ-मांस पर प्रतिबन्ध लगाने की बात करते हैं वहीँ पूर्वोत्तर राज्यों में उनके नेता इस कोशिश में हैं कि जनता को ये समझाया जाए कि गौ-मांस पर प्रतिबन्ध नहीं लगेगा.
मेघालय के भाजपा अध्यक्ष शिबुन लिंगदोह ने इस बारे में बयान देका कहा है कि राज्य में गोमांस पर पाबंदी नहीं लगायी जायेगी. उन्होंने कहा कि 23 मई को जो अधिसूचना जारी की गयी है उसके मुताबिक़ पशु-बाज़ारों के कामकाज को संतुलित करने की बात की गयी है ना कि गोमांस पर पाबंदी लगाए जाने की.
लिंगदोह ने इस बारे में कहा है कि पार्टी पूर्वोत्तर राज्यों में गोमांस पर प्रतिबन्ध नहीं लगाएगी. उन्होंने कहा कि ये राज्य के अधिकार क्षेत्र में है इसलिए इस पर फ़ैसला राज्य सरकारें ही करेंगी.
अपनी ही पार्टी के दूसरे राज्यों के नेताओं से अलग बात करने वाले लिंगदोह का कहना है कि ये ना तो आर्थिक रूप से अच्छी पहल है और ना ही संविधान के मुताबिक़.
लिंगदोह ने आरोप लगाया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से कांग्रेस इस तरह की बातें फैला रही है कि भाजपा आएगी तो गोमांस का सेवन पर प्रतिबन्ध लग जाएगा.
गौरतलब है कि 2014 में NDA सरकार बनने के बाद से गौ-रक्षा के नाम पर कई जगह हिंसा के मामले सामने आये हैं.इसमें कई मासूम लोगों की जाने भी चली गयी हैं लेकिन गौ-रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले लोगों पर कोई ख़ास कार्यवाही करने में भाजपा सरकारें नाकाम रही हैं. उत्तर प्रदेश के दादरी में अख्लाक़ नामक एक आदमी की हत्या के मामले में तो यहाँ तक ख़बर आयी कि भाजपा के नेता और मंत्री आरोपियों की ही मदद में लगे हैं. गुजरात, हरियाणा, झारखंड, बिहार जैसे राज्यों से भी हिंसा की ख़बरें आयीं. इसके अतिरिक्त भाजपा नेता बार बार ये कहते रहे हैं कि पूरे देश में गोमांस पर प्रतिबन्ध होना चाहिए.