नई दिल्ली: बिहार की सियासत में जो भूचाल नीतीश कुमार के भाजपा से हाथ मिलाने से आया है वो जदयू के लिए ख़तरे की घंटी बजा रहा है. फिलहाल विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने में कामयाब हो गए नीतीश को अपनी ही पार्टी में भारी विरोध झेलना पड़ रहा है.
पार्टी के वरिष्ट नेता शरद यादव नाराज़ बताये जा रहे हैं. एक न्यूज़-वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में शरद यादव ने बताया कि वो कोई मंत्री पद नहीं लेंगे और अब संग्राम होगा. उन्होंने साम्प्रदायिक ताक़तों से कोई समझौता ना करने की बात कही.
जानकार इसे ख़तरे की घंटी मान रहे हैं. हालाँकि अब शरद यादव का जनाधार बहुत नहीं बचा है लेकिन उनके टूटने से जदयू के अस्तित्व पर ख़तरा मंडराने लगा है.