क़तर डिप्लोमेटिक क्राइसिस को ख़त्म करने की मांग अब ज़ोर-शोर से उठ रही है. अरब देशों के बीच 5 जून को शुरू हुए इस डिप्लोमेटिक क्राइसिस को फ़्रांस ने ख़त्म करने की मांग की है.उन्होंने कहा कि क़तर पर से प्रतिबन्ध हटाये जाएँ.फ़्रांसीसी राष्ट्रपति एम्मनुअल मैक्रॉन ने शुक्रवार को ये बात कही.
अरब देशों के बीच चले आ रहे इस संकट की वजह से अरब देशों के बीच तनाव की स्थिति है.
गौरतलब है कि जून के प्रथम हफ्ते में सऊदी अरब, बहरीन, UAE और मिस्र ने क़तर से अपने सभी सम्बन्ध तोड़ लिये थे. इन देशों ने क़तर के हवाई जहाज़ों के लिए अपने रास्ते बंद कर दिए हैं जिसकी वजह से क़तर की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इन देशों ने आरोप लगाया था कि क़तर मीडिया के ज़रिये उनके देश में क्रान्ति लाने की कोशिश कर रहा है. इस बात को क़तर ने सिरे से ख़ारिज किया था. असल में इस मुद्दे की पूरी जड़ एक फेक रिपोर्ट पर आधारित है जिसकी वजह से सऊदी अरब और उसके साथी देशों को लगा क़तर उनके ख़िलाफ़ बोल रहा है जबकि ऐसा नहीं था.
कुछ अन्य ख़बरें, एक नज़र में..
1. रोहिंग्या मुद्दे पर बंगलादेशी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में प्रस्ताव पेश करेंगी. सूत्रों के मुताबिक़ इसके ज़रिये वो कोफ़ी अन्नान कमीशन की सिफारिशों को लागू करवाने की बात करेंगी.
2. लन्दन शहर में एक अंडरग्राउंड ट्रेन में धमाका हुआ है. इस धमाके में एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं. अथॉरिटीज़ इसे एक “आतंकवादी” घटना की तरह देख रही हैं.
3.US सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट रेक्स टिलरसन ने म्यांमार में रोहिंग्या मुद्दे पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रोहिंग्या लोगों के ख़िलाफ़ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.