नई दिल्ली-म्यांमार में रोहिंग्या समुदाय के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्यवाही के बाद बांग्लादेश में लाखो रिफ्यूजी पलायन किये है,इस मानवीय आपदा के पर दुनिया भर से रोहिंग्या रिफ्यूजी के लिए मदद पहुच रही है.
भारत के सिख समुदाय की खालसा ऐड के लोग भी बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर पीड़ित रोहिंग्या समुदाय के मदद के लिए पहुचे.खालसा ऐड के मैनेजिंग डायरेक्टर अमरप्रीत ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वहां के हालात बहुत खराब है,तीन लाख के आसपास लोग पलायन करके बंगलादेश में आये है इतने लोगो को खाना पानी देना एक चुनौती है.
अमरप्रीत सिंह ने बताया कि हमारी टीम शर्णार्थियों को लंगर और पानी की व्यवस्था शुरू की है. उन्होंने कहा कि टेकनफ कस्बा (जहां रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में रह रहे हैं) बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 10 घंटे की दूरी पर है, ऐसे में हम ढाका से खाने-पीने का सामान ला सकते हैं, हालांकि बारिश एक बड़ी समस्या बन रही है.
इस दल के एक दूसरे सदस्य जीवनजोत सिंह ने कहा कि दस दिनों तक पैदल चलकर ये लोग म्यांमार से यहां पहुंचे हैं, इनकी हालत बहुत खराब है. इन लोगों को खाना-पानी और रहने की जगह देने के लिए हम यहां पहुंचे हैं.
उन्होंने बताया कि खालसा की एक और टीम बहुत जल्दी ही टेनकफ पहुंचेगी और रोहिंग्याओं की मदद के लिए जुटेगी ताकि सभी की मदद की जा सके.
बता दें कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के चलते वो अपना देश छोड़कर बांग्लादेश और भारत की तरफ रुख कर रहे हैं.इनका कहना है कि म्यांमार की सेना रोहिंग्या का कत्लेआम कर रही है और औरतों का रेप कर रही है.रोहिंग्याओं के साथ अमानवीय बर्ताव के लिए दुनियाभर में म्यांमार की निंदा की जा रही है
यूएन ने भी म्यांमार सरकार की इस कार्यवाही को जातीय सफाया बताया है यूएन और दुनिया के कई देशो ने नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सां सू की आलोचना करते हुए इस तरह अमानवीय बर्ताव की निंदा की है
साभार: हैडलाइन२४