ऐसा लगता है कि भाजपा के शीर्ष नेता ये मान चुके हैं कि अब गुजरात चुनाव जीतना उनके लिए मुश्किल हो गया है. यही वजह है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वरिष्ट नेता अहमद पटेल पर ऐसे आरोप लगा दिए जिनका कोई तुक ख़ास बनता ही नहीं है. रूपाणी ने कहा कि भरूच के जिस अस्पताल में अहमद पटेल ट्रस्टी रहे हैं वहां से दो कथित IS आतंकी गिरफ़्तार हुए हैं इसलिए पटेल से कांग्रेस को इस्तीफ़ा ले लेना चाहिए.
अब सबसे दिलचस्प बात ये है कि जबकि केंद्र में भी सरकार भाजपा की है और राज्य में भी भाजपा सरकार है तो अगर कोई मामला अहमद पटेल के ख़िलाफ़ बनता है तो जांच तो भाजपा की ही सरकारों को करनी है. हालाँकि ऐसा कोई मामला बनता नहीं है तो ऐसा माना जा रहा है कि ये चुनाव को साम्प्रदायिक बनाने की कोशिश है. असल मीन जो कथित आतंकी गिरफ़्तार हुए हैं वो कुछ महीनों से अस्पताल में नौकरी भी कर रहे थे लेकिन दो रोज़ पहले दोनों ने इस्तीफ़ा दे दिया था. अब इसमें गौर करने वाली बात ये भी है कि अहमद पटेल इस अस्पताल के अब ट्रस्टी नहीं हैं 2014 में थे.
रूपाणी के इस आरोप पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि मुख्यमंत्री रूपाणी ने एक नया लो छू लिया है लेकिन सभी हारने वाले यही करते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा,”आज गुजरात में हार का मुँह देख रही भाजपा द्वारा श्री अहमद पटेल जी पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाये गये। स्पष्ट तथ्यों द्वारा हमारा बयान”. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास हमेशा आतंकवाद से लड़ने का रहा है. उन्होंने साथ ही भाजपा से सवाल किया. सुरजेवाला ने कहा,”क्या अमित शाह जी बतायेंगे कि 2016 में कैसे उनकी सरकार के नाक के नीचे कुख्यात आंतकवादी दाऊद इब्राहिम की पत्नी विदेश से मुंबई आयी और चली गयी?”. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि अगर ATS ने आतंकवादी पाया है तो राष्ट्रहित में कार्यवाही करें,पर भाजपा और अमित शाह अनर्गल आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबॉं में झाँक कर देखे.
वहीँ अहमद पटेल ने भी अपने ऊपर लगाए गए आरोप को बेबुनियाद बताया. जानकारों के मुताबिक़ भी भाजपा गुजरात चुनाव में हार को सामने पाकर ऐसे बयान दे रही है कि शायद कोई करिश्मा हो जाए.