एर्बिल/बग़दाद: कुर्दिस्तान रीजनल गवर्नमेंट(KRG) द्वारा कराये गए विवादित रेफ़रेंडम में 92% वोट “यस” को पड़े हैं.ईराक़ के हिस्से वाले कुर्द इलाक़े में हुए इस रेफ़रेंडम को रोके जाने के लिए ईराक़ी सरकार के इलावा तुर्की, संयुक्त राज्य अमरीका, यूरोपियन यूनियन, ईरान और संयुक्त राष्ट्र भी थे. परन्तु कुर्द नेता मसूद बरज़ानी ने किसी की नहीं सुनी और रेफ़रेंडम करा लिया.
हालाँकि इस रेफ़रेंडम का कोई बहुत विशेष मतलब नहीं है लेकिन इस रेफ़रेंडम के बाद कुर्दिस्तान बनाये जाने को लेकर ईराक़ी सरकार और वैश्विक कम्युनिटी पर दबाव बनाया जा सकता है.
ईराक़ी प्रधानमंत्री हैदर अल-आब्दी ने कहा कि ये रेफ़रेंडम ईराक़ और KRG दोनों के ऊपर नकारात्मक प्रभाव डालेगा. उन्होंने कहा कि वह ईराक़ की एकता और संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इस रेफ़रेंडम के नतीजे पर वो कोई बात नहीं करेंगे.
ईराक़ी सरकार ने साफ़ तौर पर कहा है कि तीन दिनों के अन्दर KRG सारे एयरपोर्ट्स का कण्ट्रोल बग़दाद सरकार को दे. आब्दी ने कहा कि KRG के नेताओं ने किसी की आवाज़ नहीं सुनी, न लोकल, न रीजनल और ना ही अन्तराष्ट्रीय.
KRG नेता मसूद बरज़ानी के तुर्की से अच्छे सम्बन्ध माने जाते रहे हैं लेकिन बरज़ानी के रेफ़रेंडम कराने के फ़ैसले से तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यिप एरदोअन बहुत नाराज़ हैं. एरदोअन ने कहा कि इस रेफ़रेंडम में उसके साथ सिर्फ़ इजराइल रहा है और पूरी अन्तर्राष्ट्रीय कम्युनिटी उसके ख़िलाफ़ है. उन्होंने कहा कि वो एम्बर्गो भी लगायेंगे.