गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव में दलितों के बीच चुनाव प्रचार करने के लिए बीजेपी ने दलित नेता, केंद्रीय मंत्री और लाेकजनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान को मैदान में उतारा है। दलितों के बीच चुनाव प्रचार के करने पहुंचे रामविलास पासवान ने एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल पासवान ने गुजरात के ऊना में हुए दलित पिटाई कांड को छोटी सी बात बताया है।
पासवान ने अहमदाबाद के दनिलिम्दा इलाके में बीजेपी के लिए डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार के दौरान यह बात कही है। मीडिया से रूबरू होते हुए पासवान ने कहा कि “अक्सर छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं। मेरे बिहार में इस तरह की घटना अक्सर सुनने को मिलती है। गुजरात के ऊना में भी ऐसी ही छोटी घटना हुई थी जिस पर काफी बवाल हुआ था लेकिन सरकार का काम एक्शन लेते हुए कार्रवाई करना है। ऐसी घटनाओं पर किस तरह के कदम उठाए गए ये ज्यादा जरूरी है।’
रामविलास पासवान के इस बयान पर गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें घेरा है। जिग्नेश ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर लिखा है “पासवान जी का कहना है कि ऊना जैसी घटनाएं आम और छोटी सी बात है, ऐसा होता ही रहता है। पासवान जी की पब्लिक्ली पिटाई हो तभी पता चलेगा ऊना का जख्म”।
गौरतलब है कि राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी को इस विधानसभा चुनाव प्रचार में इस बात का अंदाजा लग चुका है कि दलितों समाज में अब उनके कार्यकर्ताओं द्वारा चुनाव प्रचार करना समुदाय के लोगों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा।
इसलिए उन्होंने रामविलास पासवान को दलितों का दिल जीतने के लिए मुखर रखा है। लेकिन पासवान ने एक ही बयान ऐसा दिया कि बीजेपी के लिए दलितों से वोट लेना पहले से ज्यादा मुश्किल हो सकता है। पासवान ने ऊना कांड पर बयान देकर दलित समुदाय के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है। जिसके लिए उनकी काफी आलोचना हो रही है। क्यूंकि गुजरात के साथ उन्होंने बिहार की जनता की भावनाओं को आहत किया है।
इसपर जिग्नेश मेवानी ने केंद्रीय मंत्री के बयान को ‘शर्मनाक बयान’ बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है “यह एक निर्मम घटना थी। हम यह मांग करते हैं कि इस तरह का शर्मनाक बयान देने वाले पासवान जी का बीजेपी इस्तीफा ले।”